अंतर्राष्ट्रीय सीसा विषाक्तता निवारण सप्ताह
24-31 अक्टूबर, 2021
'अंतर्राष्ट्रीय सीसा विषाक्तता निवारण सप्ताह' (आईएलपीपीडब्ल्यू) लीड पेंट एलायंस (जिसका संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और डब्ल्यूएचओ द्वारा संयुक्त रूप से नेतृत्व किया जाता है) की एक पहल है। यह सप्ताह विशेषकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कर्मियों पर सीसे (लेड) के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले जोखिम के प्रभावों के बारे में जागरूकता प्रसारित करने और उसके विरूद्ध कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय सीसा विषाक्तता निवारण सप्ताह (आईएलपीपीडब्ल्यू ) 24 से 31 अक्टूबर, 2021 तक मनाया जा रहा है।
सीसा (लेड) एक संचयी विषैला/टॉक्सिन पदार्थ है (यह शरीर में समय के साथ इकट्ठा हो जाता है), जो कि शरीर की कई प्रणालियों (न्यूरोलॉजिकल, हेमटोलोगिक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, कार्डियोवस्कुलर और रीनल सिस्टम/गुर्दा प्रणाली) को प्रभावित करता है।
छोटे बच्चे सीसे के विषाक्त प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील/कमज़ोर होते हैं, क्योंकि उन्हें वयस्कों की तुलना में इससे पीड़ित होने का ज़ोखिम अधिक रहता है तथा इसके कारण उन्हें मानसिक और संज्ञानात्मक समस्याएं यानी समझ तथा बुद्धिमत्ता की कमी एवं स्थायी शारीरिक हानि भी हो सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय सीसा विषाक्तता निवारण सप्ताह वर्ष 2021 का विषय ‘सीसा रहित पेंट वाली दुनिया बनाने के लिए मिलकर कार्य करें’ है।
यह दिन स्वास्थ्य पर सीसे के संपर्क (लेड एक्सपोज़र) में आने वाले प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा तथा सीसे के संपर्क (लेड एक्सपोज़र) को रोकने के लिए देशों द्वारा किए गए प्रयास और नियामक कार्यों द्वारा सीसा युक्त पेंट (लेड पेंट) को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर देगा।
सीसायुक्त पेंट उन्मूलन हेतु वैश्विक गठबंधन (ग्लोबल अलायंस टू इलिमनेट लेड पेंट) हर देश में सीसा युक्त पेंट (लेड पेंट) के निर्माण, आयात, निर्यात, वितरण, बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी उपायों की स्थापना करके वैश्विक स्तर पर चरणबद्ध तरीके से सीसायुक्त पेंट (लेड पेंट) रोकने को बढ़ावा दे रहा है।
स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान (इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन) ने अनुमान लगाया गया था, कि विकासशील देशों पर सबसे अधिक बोझ के साथ वर्ष 2019 में 0.90 मिलियन मृत्यु के लिए सीसे का ज़ोखिम उत्तरदायी था।
यूनिसेफ की रिपोर्ट वर्ष 2020 के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 800 मिलियन बच्चों (तीन में से एक बच्चे) के रक्त में सीसे (लेड) का स्तर पांच या पांच माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर (μg/dL) से अधिक है, जिस स्तर पर स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। भारत में 275,561,163 मामले पाए गये हैं।
कई देशों ने सीसा के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को रोकने के लिए कई तरह के महत्वपूर्ण कार्य किये है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार (एमओईएफसीसी) ने भी नवंबर, वर्ष 2016 में 'घरेलू और सजावटी पेंट में सीसे की मात्रा संबंधी विनियमन नियम 2016 अधिसूचना' पारित किया है। यह नवंबर वर्ष 2017 से देशभर में लागू हुआ। यह प्रति मिलियन (पीपीएम) 90 भाग से अधिक सीसे की मात्रा या सीसा यौगिकों वाले घरेलू और सजावटी पेंट के निर्माण, व्यापार, आयात के साथ-साथ निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है।
सीसे के ज़ोखिम (संपर्क/एक्सपोज़र) के हानिकारक प्रभाव का कोई स्तर नही है (सीसे काके संपर्क दुष्प्रभावकारी होता है)।
सीसे का संपर्क (लेड एक्सपोज़र) रोके जाने योग्य है।
(डब्ल्यूएचओ) सीसे के बारे में चार बाते जानने के लिए
वीडियो देखें।
सीसा विषाक्तता के बारे में अधिक जानकारी जानने के लिए
एनएचपी पर जाए।
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संदर्भ:
- PUBLISHED DATE : Oct 28, 2021
- PUBLISHED BY : NHP Admin
- CREATED / VALIDATED BY : Sunita
- LAST UPDATED BY : Oct 28, 2021
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