हिन्दी
  • English
  • ગુજરાતી
  • বাংলা
  • தமிழ்
  • ਪੰਜਾਬੀ
लॉग इन
  • रजिस्टर
  • साइन इन करें
A A A A
A - A A +
स्क्रीन रीडर | मुख्य सामग्री पर जाएं | सहायता
 
  मेनू
  • मुख्य
  • एनएचपी के बारे में
    • संगठन चार्ट
  • शीघ्र निर्देशन
    • स्वस्थ जीवन शैली
      • किशोर स्वास्थ्य
      • महिला स्वास्थ्य
      • गर्भावस्था
      • यात्रा स्वास्थ्य
      • अधिक
        • मौखिक स्वास्थ्य
        • लक्षण जिनको नज़रअंदाज नही करना चाहिए
        • स्वस्थ जीवन
    • रोग / दशा सूचना
      • रोग / दशा : ए से जेड तक
      • औषधि
      • प्रथम उपचार
      • इंटरैक्टिव शिक्षण
      • लोक स्वास्थ्य अलर्ट
    • निर्देशिका सेवा एवं विनिमय
      • समिति एवं आयोग
      • निर्देशिका सेवा
  • स्वास्थ्य नीतियाँ
  • मानक और प्रोटोकॉल
  • शासन / कानून / बिल / अधिनियम
  • बीमा योजनाएं
  • व्यावसायिक वृद्धि
    • पेशा
    • ई-अधिगम
    • पेशेवर समाचार
    • भारतीय हेल्पडेस्क लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकार्ड मानक
    • व्यावसायिक मंच
  • आयुष
    • आयुर्वेद
    • योग
    • यूनानी
    • सिध्द
    • होम्योपैथी
    • प्राकृतिक-चिकित्सा
    • आध्यात्मिकता-और-स्वास्थ्य
  • विविध
    • आपदा प्रबंधन
  • स्वास्थ्य कार्यक्रम
  • सामान्य मंच
  • सामान्य समाचार
  • अधिक
    • सर्व-जन स्वास्थ्य कवरेज
  • बाहरी उपयोगी लिंक्स।
    • उपयोगी लिंक्स।
    • राज्य स्वास्थ्य वेबसाइट्स।
    • एम - स्वास्थ्य
    • टेली दवाई केंद्र।
    • दान
    • आपातकालीन हेल्पलाइन
    • स्वास्थ्य विजेट्स
    • स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सूचनाएं।
    • रिमोट चिकित्सा उपकरण
  • प्रतिउत्तर दे
  • पूछे जाने वाले प्रश्न
  • निविदाएँ
  • हमसे संपर्क करे
  • स्वस्थ भारत
Close Menu
IDZTFGM_hn 2021
महिला जननांग विकृति के विरुद्ध शून्य सहनशीलता के अंतरराष्ट्रीय दिवस 
या
महिला जननांग विकृति के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शून्य असहिष्णुता दिवस 
 
6 फरवरी 2021
 
‘महिला जननांग विकृति के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शून्य असहिष्णुता दिवस’ महिला जननांग विकृति (फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन/एफजीएम) के ख़तरों के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उनके बीच जागरूकता बढ़ाने तथा इसके खिलाफ़ ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रतिवर्ष 6 फरवरी को मनाया जाता है। दिसंबर 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (संयुक्त राष्ट्र) ने महिला जननांग विकृति की समाप्ति की घोषणा का प्रस्ताव पारित किया था।
डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने महिला जननांग विकृति को "महिला जननांग का बाहर रहने वाला आंशिक या संपूर्ण हिस्सा काटने या गैर-चिकित्सा कारणों के लिए महिला जननांग अंगों की क्षति" के रूप में परिभाषित किया है।
 
कौन ज़ोखिम में है?
अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व के अठाईस देशों में धार्मिक प्रक्रिया (धर्म) के नाम पर एफजीएम किया जाता है। यह प्रक्रिया तीस देशों में दो सौ मिलियन से अधिक लड़कियों और महिलाओं पर की जा चुकी है; और प्रतिवर्ष लगभग तीन मिलियन से ज़्यादा लड़कियां को एफजीएम से पीड़ित होने का ज़ोखिम होता है। महिला जननांग विकृति के कारणों में परिवारों और समुदायों के भीतर सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कारक शामिल है।
 
यह लिंग के बीच गहरी-असमानता को दर्शाता है तथा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ़ अत्यधिक भेदभाव के प्रकार का निर्माण करता है। यह उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और शारीरिक समग्रता के अधिकारों का भी उल्लंघन करता है, उन्हें यातना और क्रूरता, अमानवीय कृत्य या अपमानजनक उपचार से मुक्त होने का अधिकार है। उन्हें जीवन जीने का अधिकार है, जबकि इस प्रक्रिया का परिणाम मृत्यु है। 
 
#EndFGM #YouthEndFGM
#महिला जननांग विकृति को समाप्त करें #युवा शक्ति द्वारा एफजीएम उन्मूलन
 
 
वर्ष 2021 का विषय ‘वैश्विक निष्क्रियता के लिए कोई समय नहीं: महिला जननांग विकृति को समाप्त करने के लिए एकजुटता, निधि और कार्रवाई’ हैं।
 
कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सारे देशों में "संकट के भीतर संकट" के तहत महिला जननांग विकृति में बढ़ोतरी का अनुभव किया गया है इसलिए यह महत्वपूर्ण है’ कि महिलाओं और लड़कियों को सक्षम बनाने करने के लिए विश्व का पुनर्निर्माण किया जाए, जिसमें उनके पास अपनी अभियक्ति, चयन का अधिकार और अपने जीवन पर नियंत्रण हों।
 
इसे वैश्विक समुदायों द्वारा प्रणालीगत प्रयासों और समन्वय से संभव बनाया जा सकता है।
 
कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता हैं, केवल नुकसान होता है:
एफटीएम में स्वस्थ और सामान्य महिला के जननांग ऊतकों को निकालना और हानि पहुंचाना शामिल है, इस तरह यह लड़कियों और महिलाओं की सामान्य शारीरिक प्रक्रिया को बाधित करता है। इससे कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है तथा यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं उत्पन्न करने के साथ लड़कियों और महिलाओं को हानि पहुँचाता है।
 
एफटीएम की स्वास्थ्य जटिलताएं:
तात्कालिक जटिलताएं: गंभीर दर्द, आघात, रक्तस्राव (खून बहना), टेटनस या सेप्सिस (जीवाणु संक्रमण), पेशाब संबंधी समस्याएं, जननांग के पास खुला घाव और जननांग के आसपास के ऊतकों में क्षति और मृत्यु तक हो सकती है।
 
दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं:
• पेशाब संबंधी समस्याएं (पेशाब करते समय दर्द, मूत्र मार्ग में संक्रमण);
• योनि संबंधी समस्याएं (स्राव, खुजली, बैक्टीरियल वेज़िनोसिस और अन्य संक्रमण);
• मासिक धर्म संबंधी समस्याएं (माहवारी में दर्द, मासिक धर्म के दौरान रक्त पारित होने में परेशानी)।
• निशान और कीलोइड गठन;
• बांझपन;
• यौन समस्याएं (संभोग के दौरान दर्द, संतोष में कमी);
• प्रसव संबंधी जटिलताएं (प्रसव में परेशानी, अत्यधिक रक्त बहना, शल्य चिकित्सा से प्रसव, बच्चे को पुन: पुनर्जीवित करने की आवश्यकता) और नवजात शिशु मृत्यु के ज़ोखिम में बढ़ोत्तरी।
• बाद में सर्जरी की आवश्यकता; तथा
• मनोवैज्ञानिक समस्याएं (जैसे कि अवसाद, चिंता, पोस्ट-ट्रोमैटिक तनाव विकार, आत्मसम्मान में कमी)।
 
हालांकि एफजीएम चिकित्सा कारणों से सही नहीं है, कई देशों में इस प्रक्रिया को स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा किया जाता है। डब्लूएचओ के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को पता होना चाहिए कि: 
 
• एफजीएम मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
• एफजीएम को कभी नहीं किया जाना चाहिए (यहां तक कि स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा भी नहीं किया जाना चाहिए)।
यदि यह प्रथा जारी रहती हैं, तो वर्ष 2030 तक दुनिया भर में लगभग 86 मिलियन से ज़्यादा लड़कियों को इस यातना से गुजरना पड़ेगा। इस प्रकार इस अमानवीय प्रथा को छोड़ने की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड/यूनिसेफ़) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि (यूएनएफपीए) ने एफटीएम पर संयुक्त कार्यक्रम स्थापित किया है, यह एफजीएम को ख़तम करने और उसके परिणामों की देखभाल के लिए सबसे बड़ा वैश्विक कार्यक्रम है।
वर्ष 2015 में सतत विकास लक्ष्यों में लैंगिक समानता पर पांचवें उद्देश्य के तहत वर्ष 2030 तक एफजीएम को समाप्त करने का आह्वान किया गया है। इसका उद्देश्य 5.3 सभी हानिकारक प्रथाओं जैसे कि बच्चे, प्रारंभिक और जबरदस्ती विवाह और महिला जननांग विकृति को समाप्त करना है।
 
मुख्य तथ्य:
• अकेले 2020 में विश्वभर में 4.1 लड़कियों को महिला जननांग विकृति से गुजरने का खतरा रहा है।
• एफजीएम को नवजात अवस्था से लेकर पंद्रह वर्ष की अवस्था में किया जाता है तथा कभी-कभी युवा लड़कियों में भी किया जाता है।
• एफजीएम के कारण केवल नुकसान होता है तथा इसका कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं है।
• एफजीएम लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
 
महिला जननांग विकृति 2020
 
संदर्भ:
 
https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/female-genital-mutilation 
https://www.un.org/en/observances/female-genital-mutilation-day
  • PUBLISHED DATE : Feb 05, 2021
  • PUBLISHED BY : NHP Admin
  • CREATED / VALIDATED BY : Sunita
  • LAST UPDATED BY : Feb 05, 2021

Discussion

You would need to login or signup to start a Discussion

Write your comments

This question is for preventing automated spam submissions

Related Pages

  • विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह
  • World Antibiotic Awareness Week 2017
  • विश्व हेपेटाइटिस दिवस, 2017
  • ਵਿਸ਼ਵ ਹੈੱਪਾਟਾਇਟਿਸ ਦਿਵਸ, 2017
  • உலகக் கல்லீரலழற்சி தினம் 2017
  • World Hepatitis Day, 2017
  • বিশ্ব হেপাটাইটিস দিবস ২০১৬
  • विश्व हेपेटाइटिस दिवस
  • ਵਿਸ਼ਵ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਦਿਵਸ 2016
  • NABH Accredited AYUSH Hospitals
This website is certified by Health On the Net Foundation. Click to verify.

यह प्रवेशद्वार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रवेशद्वार के स्वास्थ्य सूचना केन्द्र (सी एच आई) द्वारा रूपित, विकसित और आयोजित किया गया है तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफ़डब्ल्यू) भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान मे गठित किया गया है

web_information
  • National Health Portal
  • Open Government data on Health and Family Welfare Powered by data.gov.in
  • E-Book-2016
  • My-Hospital
  • Mother  Child Tracking System
  • Nikshay
  • Rashtriya Bal Swasthya Karyakram (RBSK)
  • National Organ and Tissue Transplant Organization
  • Common Man's Interface for Welfare Schemes
  • PORTAL FOR PUBLIC GRIEVANCES
  • Ebola Virus Disease
  • E-Hospital
  • Digital Hospital
  • My Government
  • Prime Minister&'s National Relief Fund
  • National Voter&'s Service Portal
  • National Portal of India
  • Expenditure Statements & Financial Reports O/o Chief Controller of Accounts
  • Swine Flu-H1N1 Seasonal Influenza
  • Message for HFM, MOS and Secretary
  • Medical Counselling
  • Rural Health Training Center Najafgarah
  • Pension Fund Regulatory and Development Authority
  • MoHFW
खंडन | वक्तव्य उपलब्धता | उपयोग की शर्तें | साइट का नक्शा
© 2015 एमओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार, सर्वाधिकार सुरक्षित