विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह 2022
विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह (डब्ल्यूआईडब्ल्यू) अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह (दिनांक 24 से दिनांक 30 अप्रैल तक) में मनाया जाता है। प्रतिरक्षण से तात्पर्य टीकाकरण के उपरांत टीका प्राप्त करने और रोग से प्रतिरक्षित होने दोनों तरह की प्रक्रिया से है। प्रतिरक्षण को विश्व के सबसे सफल और लागत प्रभावी स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। प्रतिरक्षण वर्तमान में डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस (काली खांसी), इन्फ्लूएंजा और मीजल्स (खसरा) जैसे रोगों से हर वर्ष 3.5-5 मिलियन मौतों को रोकता है।
विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह सामूहिक कार्रवाई के लिए ध्यान आकर्षित कराने का आहवान करता है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को टीका-निवारणीय रोगों से बचाया जा सकें तथा सब उम्र के लोगों को रोगों से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सकें।
इस वर्ष विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह का विषय ‘सबके लिए लंबी उम्र’ है। वर्ष 2022 के विषय का उद्देश्य इस विचार को प्रसारित करने के लिए लोगों को एकजुट करना है कि टीके हमारे सपनों को एकीकृत करने और हमारे प्रियजनों को सुरक्षा प्रदान करने तथा एक लंबा व स्वस्थ जीवन जीने को संभव बनाते हैं। टीके हम सबको एक लंबा और भरपूर जीवन जीने का आनंद लेने का अवसर तथा उम्मीद देते हैं।
हम सब जानते हैं, कि दो शताब्दियों से अधिक समय से टीकों ने ‘चेचक से बचाव के लिए 1796 में विकसित किए गए प्रथम टीके’ से (वर्ष 1980 में विश्व से इस रोग के उन्मूलन) से लेकर कोविड-19 के गंभीर मामलों को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले नवीनतम टीकों ने लोगों को स्वस्थ रखने में मदद की है।
इसलिए यह नई दृष्टि न केवल बच्चों, बल्कि सब आयु वर्ग समूहों के लिए प्रतिरक्षण के वैश्विक फोकस का विस्तार करती है। हालांकि इससे प्रतिरक्षण कार्यक्रम में बदलाव होगा। ये हमे यह सुनिश्चित करने में सहयोग करेगा कि टीके, जो कि अन्य आयु वर्ग समूहों द्वारा लिए जा जाते हैं, उससे ‘व्यक्ति केंद्रित स्वास्थ्य देखभाल’ पर पुनर्विचार करने और उसे सुदृढ़ करने में सहयोग मिलेगा।
भारत में टीकाकरण कार्यक्रम:
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी):
भारत सरकार निवारणीय (निवारण योग्य) रोगों के खिलाफ निशुल्क टीकाकरण प्रदान कर रही है, जिसमें डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी), टिटनेस, पोलियो, मीजल्स (खसरा), बाल्यवस्था क्षय रोग (टीबी) के गंभीर प्रकार (बचपन में होने वाले तपेदिक (टीबी) के गंभीर रूप), हेपेटाइटिस बी, मेनिनजाइटिस या मैनिन्जाइटिस, निमोनिया (हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी संक्रमण) और जेई स्थानिक जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) शामिल है तथा सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत रोटावायरस वैक्सीन, आईपीवी, वयस्क जेई का टीका या एडल्ट जेई वैक्सीन, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) और खसरा-रूबेला (एमआर) जैसे नए टीके भी शामिल हैं। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) को सुदृढ़ और पुनः उर्जावान बनाने तथा सब बच्चों व गर्भवती महिलाओं में तीव्र गति से पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2014 में "मिशन इंद्रधनुष" शुरू किया था तथा फरवरी-मार्च 2022 में सघन मिशन इंद्रधनुष या गहन मिशन इंद्रधनुष या तीव्र मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 2.0, 3.0 और हाल ही में आईएमआई 4.0 शुरू किया।
देश में राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण दिनांक 16 जनवरी 2021 से सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं (फ्रंट लाइन वर्कर्स) के टीकाकरण के साथ शुरू हुआ था। कार्यक्रम को 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों और 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, 15-18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग और अंततः 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण को शामिल करते हुए समय के साथ विस्तारित किया गया था। सभी सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर 16 मार्च 2022 राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस से 12-14 वर्ष आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों के लिए मुफ्त कोविड 19 टीकाकरण शुरू किया गया था।
#LongLifeforAll
प्रतिरक्षण के बारे में अधिक जानें-
पिछले वर्षों के विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह
संदर्भ-
- PUBLISHED DATE : Apr 27, 2022
- PUBLISHED BY : NHP Admin
- CREATED / VALIDATED BY : Sunita
- LAST UPDATED BY : Apr 27, 2022
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