विश्व निमोनिया दिवस 2020
12 नवंबर, 2020
विश्व निमोनिया दिवस को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के तौर पर निमोनिया की गंभीरता उजागर करने तथा अधिक से अधिक संगठनों/देशों को रोग का मुकाबला करने के समाधान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस को पहली बार ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ (जीसीसीपी) द्वारा वर्ष 2009 में मनाया गया था। इसका गठन इस समस्या का समाधान करने के लिए सार्वजनिक और राजनीतिक सहयोग बनाने में मदद करने के लिए किया गया था।
इस दिवस को प्रतिवर्ष 12 नवंबर को मनाने का उद्देश्य:
• निमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाना। विश्व में पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु का कारण निमोनिया है।
• निमोनिया की रोकथाम व उसका उपचार के लिए हस्तक्षेप को बढ़ावा देना; तथा
• निमोनिया का मुकाबला करने लिए एक्शन प्लान बनाना।
इस वर्ष कोविड-19 की महामारी के कारण इस दिन को याद रखना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि वर्तमान में जारी महामारी के कारण निमोनिया और अन्य वजह से होने वाली मौतें बढ़ी हैं। महामारी को नियंत्रित करने के लिए बढ़े हुए प्रयास बच्चों और वयस्कों दोनों में होने वाले श्वसन संक्रमण और मृत्यु को कम करने में योगदान करेंगे।
तीन प्रमुख उपाय- ‘मास्क पहनें, सामाजिक दूरी का पालन करें और बार-बार अपने हाथ धोएं’ के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम संभव है। बेहतर निदान और उपचार (पल्स ऑक्सीमेट्री और ऑक्सीजन से) महामारी में अत्यधिक सहायक हैं और यह इसके बाद भी जीवन को सुरक्षित करेगा।
निमोनिया क्या है?
निमोनिया तीव्र श्वसन संक्रमण है, जो कि फेफड़ों को प्रभावित करता है। आमतौर पर अल्वियोली (कूपिका) (फेफड़ों में छोटी थैली) में श्वास के दौरान हवा भर जाती हैं, हालांकि निमोनिया में अल्वियोली में मवाद और द्रव भर जाता है, जो कि सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करता है तथा ऑक्सीजन लेने में कमी करता है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया और कवक सहित कई संक्रामक एजेंटों के कारण होता है।
पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में निमोनिया के कारण निम्नलिखित परेशानियां हो सकती है:
• बुख़ार के साथ या बिना, खांसी और/या सांस लेने में कठिनाई।
• तेजी से सांस लेना या निचले सीने में खिंचाव (सांस लेने के दौरान सीने में बदलाव या खिंचाव होना; जबकि स्वस्थ व्यक्ति में सांस लेने के दौरान सीने का विस्तार होता है)।
• गंभीर रूप से बीमार शिशु खाने या पीने में असमर्थ हो सकता है तथा उसे बेहोशी, हाइपोथर्मिया और अकड़न महसूस हो सकती हैं।
ज़ोखिम के कारक:
• कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे कि कुपोषित या पूर्व-मौजूद बीमारियों (एचआईवी, खसरा) से पीड़ित बच्चा।
• पर्यावरणीय कारक:
o घर के अंदर (इनडोर) होने वाला वायु प्रदूषण (ईंधन के रूप में लकड़ी या गोबर का उपयोग)।
o भीड़-भाड़ वाले घरों में रहना।
o पैतृक धूम्रपान द्वारा निष्क्रिय धूम्रपान के संपर्क में आना।
निमोनिया कैसे संचारित होता है?
निमोनिया निम्नलिखित के माध्यम से संचारित हो सकता है-
• आमतौर पर बच्चे के नाक या गले में पाए जाने वाला वायरस और बैक्टीरिया फेफड़ों को संक्रमित कर सकता हैं, जब वे सांस लेते हैं।
• ऑर्गनिज़म/जीव खांसी या छींक से हवा में उत्सर्जित बूंदों के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है।
• निमोनिया रक्त के माध्यम से फैल सकता है, विशेषकर जन्म के समय और उसके तुरंत बाद।
निमोनिया और डायरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए वैश्विक कार्य योजना (ग्लोबल एक्शन प्लान):
डब्लूएचओ और यूनिसेफ द्वारा निमोनिया और डायरिया (जीएपीपीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समेकित ग्लोबल एक्शन प्लान का उद्देश्य बच्चों में निमोनिया से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए हस्तक्षेप के संयोजन के साथ निमोनिया नियंत्रण को गति प्रदान करना है।
इसका उद्देश्य एक हज़ार जीवित जन्में में बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों को तीन से कम तथा वर्ष 2025 तक एक हज़ार बच्चों में से डायरिया से होने वाली मृत्यु को एक से कम करना है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों (जैसे कि
एमएए,
यूआईपी,
आईसीडीएस) के माध्यम से समुदायिक स्तर पर आशा/एएनएम/ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भागीदारी से निमोनिया के बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए काम कर रही है। बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत निमोनिया नियंत्रित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया हैं:
(क) जन्म से बेहत्तर स्वास्थ्य पद्धतियों को बढ़ावा देकर अपने बच्चे को निम्नलिखित द्वारा निमोनिया से बचाएं:
• अपने बच्चे को छह महीने तक केवल स्तनपान कराएं।
• पर्याप्त पूरक आहार खिलाएं।
• विटामिन ए पूरक आहार खिलाएं।
(ख) बच्चों को निमोनिया और डायरिया के कारण बीमार होने से निम्नलिखित द्वारा बचाएं:
• पर्टुसिस (कूकरखाँसी/काली खाँसी), ख़सरा, हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी संक्रमण (एचआईबी), न्यूमोकोकल (पीसीवी) और रोटावायरस संक्रमण (सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम) जैसे रोगों के खिलाफ़ टीकाकरण प्रदान करना।
• साबुन व पानी से हाथ धोना प्रोत्साहित करना।
• स्वच्छ व सुरक्षित पीने योग्य पानी और स्वच्छता की व्यवस्था करना।
• घरेलू वायु प्रदूषण (घर में खाना पकाने के लिए सुरक्षित ईंधन का उपयोग) में कटौती।
• एचआईवी संक्रमित और पीड़ित बच्चों के लिए एचआईवी की रोकथाम और एंटीबायोटिक प्रफैलेक्सिस।
• मास्क पहनें और सामाजिक दूरी का पालन करें।
(ग) यदि रोग गंभीर है, तो समय पर समुदाय आधारित स्वास्थ्य कर्मचारी या प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं या स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में बच्चों का उपयुक्त उपचार कराना। यदि आवश्यक हों, तो जल्दी स्वस्थ होने के लिए एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन प्रदान की जा सकती है।
निमोनिया से पीड़ित पांच से कम आयु वर्ग के बच्चों में मृत्यु कम करने के लिए तीन आवश्यक चरण हैं:
1. यह जानें कि बच्चा बीमार है: निमोनिया के लक्षणों को पहचानने में देखभाल करने वाला व्यक्ति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं तथा इसके लिए देखभाल करने वाले को बच्चों में निमोनिया के खतरे के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जैसे कि खाँसी और तेज़ या मुश्किल से सांस लेना।
2. उपयुक्त देखभाल की पहुँच: संदिग्ध निमोनिया से पीड़ित बच्चे की देखभाल करने वाले देखभालकर्त्ता तक उचित चिकित्सा देखभाल की पहुँच होनी चाहिए (उचित देखभाल में ऐसे प्रदाताओं शामिल हैं, जो कि निमोनिया का निदान और उपचार कर सकते हैं, जैसे कि अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, औषधालय/चिकित्सालय, समुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य क्लीनिक, आउटरीच क्लिनिक)।
3. एंटीबायोटिक दवाओं से उचित उपचार: सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित स्वास्थ्य कर्मियों को निमोनिया से पीड़ित बच्चों का उचित एंटीबायोटिक दवाओं से उपचार करना चाहिए तथा गंभीर मामलों को स्वास्थ्य सुविधाओं केंद्रों में भेजना चाहिए। अनुचित एंटीबायोटिक का उपयोग संसाधनों को बर्बाद करेगा और यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध को भी बढ़ाएगा।
“निमोनिया को ख़तम करना भाग्य नहीं है। इसके लिए कार्रवाई की ज़रूरत है।"
संदर्भ:
- PUBLISHED DATE : Nov 11, 2020
- PUBLISHED BY : NHP Admin
- CREATED / VALIDATED BY : Sunita
- LAST UPDATED BY : Nov 11, 2020
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