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विश्व टीकाकरण दिवस
विश्व टीकाकरण दिवस प्रतिवर्ष १० नवंबर को मनाया जाता है। यह दिवस टीका निवारणीय रोगों के खिलाफ समय पर टीकाकरण करवाने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
 
टीकाकरण एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति को प्रतिरक्षित किया जाता है या आमतौर पर टीकाकरण द्वारा संक्रामक रोगों हेतु प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किया जाता है। टीकाकरण बच्चे को जानलेवा रोगों से बचाने में मदद करता है। यह दूसरे व्यक्तियों में रोग के प्रसार को कम करने में भी मदद करता है। टीकाकरण संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ़ व्यक्ति की रक्षा के लिए उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। बच्चे कुछ प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता के साथ पैदा होते हैं, जो कि उन्हें स्तनपान के माध्यम से अपनी मां से प्राप्त होती है। यह प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे ही कम हो जाती है, क्योंकि बच्चे की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होना शुरू हो जाती है। टीकाकरण स्वास्थ्य निवेश के सबसे कम लागत वाले प्रभावी उपायों में से एक हैं। टीकाकरण के लिए जीवन शैली में प्रमुख परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती है। 
 
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीकाकरण रोगों को नियंत्रित करने का प्रमाणित उपाय है। इसके द्वारा जीवन के लिए गंभीर संक्रामक रोगों को नष्ट करने और प्रत्येक वर्ष दो से तीन लाख के बीच होने वाली मौतों को टालने का अनुमान है, लेकिन एक अन्य अनुमान के अनुसार विश्वभर में ८.७ लाख शिशु अभी भी आधारभूत टीकाकरण प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।
 
भारत के पास विश्वभर में प्रसारित टीकाकरण कार्यक्रमों में से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) हैं, जिसमें टीकों की मात्रा द्वारा लाभार्थियों की संख्या को कवर किया जाता है तथा इसमें भौगोलिक प्रसारण तथा मानव संसाधनों को शामिल किया गया है।  यूआईपी का तीस वर्षो से अधिक वर्षों तक परिचालन होने के बावजूद, यह केवल पैंसठ प्रतिशत बच्चों को उनके जीवन के प्रथम वर्ष में टीकाकरण प्रदान करने में सक्षम हो पाया है। इसकी कवरेज में वृद्धि ठहर गयी है। भारत सरकार ने सभी बच्चों के लिए पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से दिसंबर २०१४ में मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दो साल तक की उम्र के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को समस्त उपलब्ध टीकों द्वारा पूर्ण टीकाकरण दिलाना सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम के तहत, सभी टीके नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
 
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में अधिक जानें। 
मिशन इन्द्रधनुष के बारे में अधिक जानें। 
टीकाकरण अनुसूची।
 
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।
 
टीकाकरण और प्रतिरक्षण के बीच क्या अंतर है?
टीका देने की प्रक्रिया को टीकाकरण कहा जाता है। जबकि शरीर की रक्षात्मक प्रतिक्रिया के विकास के लिए टीका देने की पूरी प्रक्रिया की शुरुआत को प्रतिरक्षण कहा जाता है।
 
वैक्सीन क्या है?
टीका जैविक तैयारी है, जो कि किसी विशेष बीमारी के लिए प्रतिरक्षा में सुधार करता है। आमतौर पर टीका एक एजेंट होता है, जो कि सूक्ष्मजीव के कारण रोग जैसा दिखता है तथा यह अक्सर कमजोर व मरे सूक्ष्म जीव से बनता है।
 
यदि बच्चे को मां से एंटीबॉडी प्राप्त होते है, तो उसे प्रतिरक्षण करवाना क्यों महत्वपूर्ण है? 
मां से प्राप्त एंटीबॉडी, लंबे समय तक नहीं रहते है। यह शिशु को बीमारी की चपेट में छोड़ देते है। इसके अलावा, टीकाकरण घातक बीमारियों के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
 
कैसे और कहाँ बच्चे को प्रतिरक्षित कराया जा सकता है?
बच्चे को पास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिरक्षित कराया जा सकता है। टीकाकरण निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों द्वारा भी प्रदान किया जाता हैं।
 
इनकी कीमत कितनी होती है?
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत निवारणीय रोगों के खिलाफ टीकाकरण सरकारी अस्पतालों में टीके नि:शुल्क उपलब्ध है।
 
टीकाकरण देरी से कराने का क्या कोई कारण हो सकता है?
कुछ चिकित्सा कारण हो सकते है। टीकाकरण देरी से कराने का कारण (विपरीत संकेत) हो सकता है:
  • बच्चे का तेज़ बुखार से पीड़ित होना। 
  • प्रतिरक्षण के प्रति ख़राब प्रतिक्रिया। 
  • अंडा खाने के बाद गंभीर प्रतिक्रिया। 
  • ऐंठन से पीड़ित होने का पुराना इतिहास (सटीक)। 
  • कैंसर या कोई अन्य बीमारी, जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, उदाहरण के लिए, एचआईवी या एड्स।
 
मेरा बच्चा स्वस्थ्य, सक्रिय और अच्छी तरह से खाना खाता हैं। क्या फिर भी उसे टीकाकरण प्रदान करना आवश्यकता है?
टीकाकरण रोग के विकसित होने से पहले रोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यदि आप बीमारी के बाद, टीकाकरण का इंतजार करते हैं, तो बहुत देर हो सकती है। उपचार से बेहतर रोकथाम है।
 
क्या टीके का कोई दुष्प्रभाव हो सकता हैं?
ज्यादातर टीके सुरक्षित हैं। केवल कुछ व्यक्तियों में दुष्प्रभाव जैसे कि सूजन, लाली या थोड़ा-सा बुखार विकसित हो सकता है, लेकिन यह दुष्प्रभावों केवल कुछ दिनों के लिए होते हैं।
 
यदि मेरा बच्चा टीके की कुछ खुराके प्राप्त नहीं कर पाया है, तो क्या फिर भी मेरा बच्चा टीकाकरण प्राप्त कर सकता है?
निश्चित रूप से हाँ, यदि आपका बच्चा टीकाकरण की कुछ खुराके प्राप्त नहीं कर पाया है, तो आप उसे टीके की अन्य खुराक दिला सकते हैं तथा आपको टीकाकरण अनुसूची का पालन करने की भी सलाह दी जाती है।
 
सुरक्षित इंजेक्शन कार्यप्रणाली :
रोगियों का जागरूक होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि असुरक्षित इंजेक्शन कार्यप्रणाली उसके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। यह स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (चिकित्सक, नर्सों तथा इंजेक्शन प्रदाताओं) का कर्तव्य है कि रोगी को इंजेक्शन देते समय सतर्क रहें।
 
रोगियों के लिए स्मरण योग्य संकेत :
एक सुई ; एक सिरिंज का केवल एक ही बार उपयोग किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करें। 
  • यह सुनिश्चित करें कि सुई और सिरिंज दोनों को उपयोग के बाद नष्ट कर दिया जाएँ। सुई बदलना और सिरिंज का पुन: उपयोग करना अत्यधिक असुरक्षित होता है। यह प्रक्रिया रोग संचारित कर सकती हैं।
  • दिशा निर्देशों के अनुसार टीकाकरण अनुसूची का पालन करें। अपने प्रतिरक्षण रिकॉर्ड की जानकारी अवश्य रखें तथा किसी भी प्रकार के टीकाकरण से पहले इस जानकारी को अपने साथ लेकर ज़रूर जाएँ। 
  • किसी भी प्रकार के टीकाकरण से पहले हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें
 
संदर्भ :
http://www.nihfw.org/pdf/nchrc-publications/immunizationeng.pdf
http://nihfw.org/pdf/nchrc-publications/immunihandbook.pdf
http://www.who.int/topics/immunization/en/
http://www.missionindradhanush.in/
http://mohfw.nic.in/WriteReadData/l892s/Immunization_UIP.pdf
 
  • PUBLISHED DATE : Nov 10, 2015
  • PUBLISHED BY : Zahid
  • CREATED / VALIDATED BY : Sunita
  • LAST UPDATED BY : Nov 10, 2015

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