राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम
भारत दुनिया में पहला देश है जिसने वर्ष 1952 में परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था। ऐतिहासिक शुरूआत के बाद से परिवार नियोजन कार्यक्रम में नीतियों और वास्तविक कार्यक्रम क्रियान्वयन के अनुसार परिवर्तन किया है तथा वर्तमान में इस कार्यक्रम को न केवल जनसंख्या स्थिरीकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पुनर्स्थापित किया गया है बल्कि यह कार्यक्रम प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा भी देता है इसके साथ-साथ मातृ, शिशु और बाल मृत्यु दर एवं रोग दर को भी कम करता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र स्वास्थ्य प्रणाली के अंतर्गत कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करता है।
"मिशन परिवार विकास"
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2016 में "मिशन परिवार विकास" की शुरूआत की। मिशन परिवार विकास सर्वाधिक कुल प्रजनन दर वाले देश के सात राज्यों के जिलों में शुरू किया गया था। ये सात राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं। इन सात राज्यों के उच्च प्रजनन वाले 146 जिलों में स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों पर गर्भ निरोधक तरीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विशेष ध्यान दिया गया है।
लक्ष्य- इसका समग्र लक्ष्य भारत की कुल प्रजनन दर को वर्ष 2025 तक 2.1 तक कम करना है।
उद्देश्य- इस मिशन का मुख्य रणनीति फोकस सुनिश्चित सेवाओं की उपलब्धता, नई प्रोत्साहन योजनाओं, सेवा प्रदाताओं के क्षमता निर्माण, कारगर माहौल निर्माण, निगरानी और कार्यान्वयन के माध्यम से गर्भ निरोधकों तक पहुंच में सुधार करना है।
मुख्य रणनीतियों में निम्नलिखित शामिल हैं-
• स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बढ़ते हुई गर्भ निरोधकों की जरूरतों को देखते हुए दो नए विकल्प उपलब्ध कराए है। नए गर्भ निरोधकों, जिसमें ‘अंतरा’ कार्यक्रम के तहत इंजेक्शन गर्भनिरोधक एमपीए और गर्भनिरोधक गोली ‘छाया’ (पहले सहेली के नाम से जानी जाती थी) की शुरुआत की है। ये गर्भ निरोधक वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
• आईयूसीडी जैसी अंतर पद्यति पर बल देना।
• प्रसव उपरांत परिवार नियोजन सुविधाएं बढ़ाना जिसके तहत संस्थागत प्रसव में पीपीआईयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कोंट्रासेप्टिव डिवाइस) पर जोर देना।
उच्च संस्थागत प्रसव सुविधा केंद्रों पर सलाहकारों की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।
• परिवार नियोजन पर मांग बढ़ाने और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आशा और केंद्रित आईईसी/बीसीसी प्रयासों को शामिल करके गर्भ निरोधकों के समुदाय आधारित वितरण को सुदृढ़ बनाना।
• सभी सुविधा केंद्रों में निर्धारित स्थिरीकरण दिवस पर सेवाओं की उपलब्धता।
• साधनों की सरलता के कारण मिनीलाप ट्यूबक्टोमी सेवाओं पर जोर देना तथा स्त्री रोग विशेषज्ञों/शल्य चिकित्सकों के बजाए केवल एमबीबीएस चिकित्सकों की आवश्यकता लेना।
• उचित मानव संसाधन विकास योजना के तहत आईयूसीडी, मिनीलाप और एनएसवी लगाने के लिए डीएच, सीएचसी, पीएचसी, एसएचसी में कम से कम एक प्रदाता होना चाहिए तथा उप-केंद्र में एएनएम को आईयूडी के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
• जिला एवं राज्य स्तर पर गुणवत्ता आश्वासन समितियों की स्थापना द्वारा परिवार नियोजन सेवाओं में गुणवत्ता देखभाल सुनिश्चित करना तथा पीपीपी के अंतर्गत परिवार नियोजन सेवाओं के लिए अधिक मान्यता प्राप्त निजी/एनजीओ प्रदाता वृद्धि के लिए योजनाएं।
• पुरुष भागीदारी और पुरुष बन्ध्याकरण या बिना चीरा पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन देना।
• विभिन्न सुविधाओं में पोस्टर, सूचना-पट्ट (होर्डिंग) और अन्य श्रव्य (ऑडियो) तथा दृश्य (वीडियो) सामग्री के रूप में जन जागरूकता गतिविधियों के आयोजन के लिए योजना और बजट बनाना।
• उच्चतम स्तर पर सुदृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता, विशेकर उच्च प्रजनन दर वाले राज्यों में।
हम दो
हम दो (
/humdo.nhp.gov.in/) के माध्यम से राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य व्यक्तिगत और दम्पतियों को स्वस्थ, खुशहाल और सम्पन्नतापूर्ण जीवन की सुनिश्चितता उपलब्धता कराने हेतु पात्र दम्पति को परिवार नियोजन पद्यतियों और उपलब्ध सेवाओं पर जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करना है।
परिवार नियोजन के बारे में अधिक जानें।
संदर्भ:
- PUBLISHED DATE : Dec 02, 2018
- PUBLISHED BY : NHP Admin
- CREATED / VALIDATED BY : Sunita
- LAST UPDATED BY : Dec 02, 2018
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