राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 2021
10 फरवरी, 2021
‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’ देश में हर बच्चे को कृमि (कीड़े) मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है। यह छोटी अवधि के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों तक पहुंचने वाले बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व की लगभग चौबीस प्रतिशत जनसंख्या मृदा-संचारित कृमि (हेलमिंथ) से संक्रमित है। भारत में एक से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के 241 मिलियन बच्चे ‘परजीवी आंत्र कृमि’ के ज़ोखिम से पीड़ित है, जिसे मृदा-संचारित कृमि संक्रमण (एचटीएच) के नाम से भी जाना जाता है। ग्रामीण इलाकों में एनीमिया की उच्च दर के साथ 6-59 माह की उम्र के लगभग दस में से सात बच्चे एनीमिक (रक्ताल्पता से पीड़ित) हैं।
एसटीएच के बारे में:
हेल्मिंथ (कृमि/कीड़े), जो कि मल द्वारा दूषित मिट्टी के माध्यम से फैलते हैं, उन्हें मृदा-संचारित कृमि (आंत्र परजीवी कीड़े) कहा जाता है। गोल कृमि (असकरियासिस लंबरिकॉइड-), वीप वार्म (ट्राच्यूरिस ट्राच्यूरिया), अंकुश कृमि (नेकटर अमेरिकानस और एन्क्लोस्टोम डुओडिनेल) कीड़े हैं, जो कि मनुष्य को संक्रमित करते है।
एसटीएच संचारण:
एसटीएच संक्रमण से एनीमिया, कुपोषण, मानसिक व शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास की क्षति और स्कूल में अनुपस्थिति होती है।
एसटीएच संक्रमण को निम्नलिखित के माध्यम से रोका जा सकता है:
● साफ़ शौचालय का उपयोग करना, बाहर शौच न करना।
● हाथ धोना, विशेषकर खाने से पहले और शौचालय के बाद हाथ धोना।
● चप्पल और जूते पहनना।
● स्वच्छ एवं सुरक्षित पानी से फल एवं सब्जियां धोना।
● भली-भांति का पका भोजन खाना।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उद्देश्य:
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों के समग्र स्वास्थ्य, पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से एक से उन्नीस वर्ष की उम्र के बीच के विद्यालय जाने से पहले और विद्यालयी-आयु के बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कीड़े समाप्त करने की दवा (कृमि नाशक दवा) देना है।
महत्त्वपूर्ण भागीदारी:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को समस्त स्तरों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) के कार्यान्वयन से संबंधित दिशा-निर्देश देने के लिए एक नोडल एजेंसी है।
यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के तहत स्कूल, शिक्षा और साक्षरता विभाग के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। पंचायती राज मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सहयोग करते हैं।
एनडीडी का कार्यान्वयन
एनडीडी (प्रथम चरण) प्रतिवर्ष 10 फरवरी को आयोजित किया जाता है। जिन राज्यों में एसटीएच संक्रमण बीस प्रतिशत से अधिक है, उन राज्यों में कृमि मुक्ति के द्विवार्षिक चरण के आयोजन की सिफ़ारिश की जाती है तथा जिन राज्यों में एसटीएच संक्रमण बीस प्रतिशत से कम है उन राज्यों में कृमि मुक्ति के वार्षिक चरण आयोजन की सिफ़ारिश की जाती है। केवल दो राज्यों ‘राजस्थान और मध्य प्रदेश’ में एसटीएच का संक्रमण बीस प्रतिशत से कम है इसलिए इन राज्यों में कृमि मुक्ति के वार्षिक चरण की सिफ़ारिश की गयी है। अन्य सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कृमि मुक्ति के द्विवार्षिक चरण का आयोजन किया गया है।
एनडीडी का पहला चरण फरवरी वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत निजी विद्यालयों में कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने और बड़ी संख्या में बच्चों तक कृमि मुक्ति के लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता गतिविधियों (मीडिया मिश्रण) को शामिल किया गया है। यह ‘जागरूकता अभियान’ स्वास्थ्य और स्वच्छता (साफ़-सफ़ाई) के लिए उचित व्यवहार और पद्धतियों से संबंधित निवारणीय रणनीतियों के महत्व और लाभों के बारे में जागरूकता प्रसारित करता है।
एनडीडी वेबपेज
एनएनडी मोबाइल एप्लीकेशन
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस टूलकिट 2020
राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (अनुलग्नक 6, पृष्ठ संख्या 3) पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस-परिचालन दिशा-निर्देश देखें।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, वर्ष 2019
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, वर्ष 2020
संदर्भ:
https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/soil-transmitted-helminth-infections
nhm.gov.in/
pibindia.wordp